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Showing posts from 2017

सिचुएशन

होके मायूस ना आँगन से उखाड़ो पौधे धूप बरसी है तो बारिश भी यहीं होगी।

अधिकारक क्षेत्र

चले है कुछ सपने लिए अपने ही अधिकारक क्षेत्र लिए हुए लेकिन इस बात को याद रखना कदापि गलत नहीं होगा की हर मुकाम अपने अधिकार में नहीं होती कुछ चीजे पर दूसरो की की लगाम आवश्यक है। जो थोड़ी हमारी समझ से परे हो कुछ अच्छे हो कुछ ज्यादा भले-बुरे  हो पर कहीं न कहीं सीख देते है की क्या गलत है क्या सहीं है। मैंने देखा और महसूस किया की कुछ चीजे बदलने वाली नहीं है, मैं फंस गया हूँ ,मैं मेरे दोस्त किस हालात तक स्वीकार करेंगे - शायद मैं टूट जाऊं या फिर इसका मतलब हो सकता है कि मैंने अपनी शिक्षा बर्बाद की पैसे या अपना दिमाग। खैर हर दिन मैं अपना सुराग ढूंढने की कोशिश करता हूँ वैसे भी परिवर्तन ही संसार का नियम है। अक्सर मैं अपने रिश्ते और वर्तमान से उदास होता हूँ, मेरे लिए खुद से परेशान होना यह मेरे लिए खुद को चुनौती देने की शुरुआत  है, लगभग हर दिन मैं खुद को जरूरत से ज्यादा धक्का देता हूँ जब तक मुझे दर्द नहीं होता, पर हाँ कभी कभी तो बहुत होता  है,                                                      लेकिन मुझे पता है की वापस उन चीजों के पास लौटूंगा जिसे मैं वाकई पसंद करता हूँ। 

अनसूझी दिमाग़ी हालात

मैं आज पेश करता हूँ ख़ुद की थोड़ी अनसूझी दिमाग़ी हालात की कड़ी- लगता है की मैं वापस चला जाऊँ उस पुराने फ़्लैट पे जहाँ किसी से बातचीत ना हो,तीन टाइम का खाना समय पर आ जाये। शाम होते ही पुरानी गाड़ी से चले जो कभी रोड पे चली हाई नहीं जिससे पुराने गानों की आवाज़ कानों में मधुर छा रही है। कुछ अगर मैं छेड़ दूँ राग अपने लिये शाम में तो कुछ चुनिंदे दोस्त बुला लूँ तसल्ली के लिये कि अभी मैं ज़िंदा हूँ।  मैं कभी ख़ुद में अपमानित महसूस करता हूँ शायद मैं जो पाया उससे ज़्यादा चाहता हूँ, करना चाहता हूँ x हो जाता है y इस तरह मैं सबकुछ छोड़कर शायद हालात या मैं या माता-पिता चाहते सो मैं डॉक्टर बनने चला आया।

ड्रीम गर्ल किसी शायर की गजल ड्रीम गर्ल

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ड्रीम गर्ल किसी शायर की गजल ड्रीम गर्ल

विदेशी होली

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विदेशी होली विथ जाम                                                                                                                     बात है यूक्रेन में होली की गर्मी का मौसम था एक दिन पहले तक तो सुध ही नहीं था कि कल होली की पार्टी में जाना है। जहाँ पर रहते थे वहां से कुछ दूर में ही गोर्की पार्क नामक एक पार्क है जहाँ पर होली का आयोजन होता है. सभी मित्र लोग फोन लगाए जा रहे थे कि जल्दी आ भई जाना है होली में मैं कहीं और ठहरा था फिर सभी एक ही रंग के  टी  शर्ट  पहन  

आओ कभू

अब जब कहीं  तेल लगाना हो तो रोगन बादाम ही बरतेंगे। काजू की फैनी से आचमन करेंगे और छुहारे किशमिश की खिल्ली उड़ाएंगे। आओ कभू अरहर के खेत पे
किसी के घर न जाऊं गर तो माँ रूठ जाती हैं.. गावों में अब भी, वो तहज़ीब बाकी है...

पते की बात

ख़ामोश रात बातें हज़ार, आख़िरी मुलाक़ात यादें हज़ार।  

गणतंत्रता दिवस

गणतंत्रता दिवस  आफ्टर सम टाइम्स आई ऍम बैक  68 गणतंत्रता दिवस की शुभकामनाये।  आज का दिन हमारे देश और देशवाशियों के लिए महत्वपूर्ण दिन है जिसमे आजादी होने बाद मुल्क को एक सिस्टम में और उसके हिसाब से प्रणाली चलाने के लिए संविधान लागू किया गया, फिर भी हमे आज हमारे देश की स्थिति देखने से ऐसा प्रभाव तो है परंतु दिनबदिन खतरनाक दिखाई देती है जिससे हर व्यक्ति सोचे जो झुलस जाये, कि जैसा सोच के काम शुरू किया गया मुझे नही लगता की उस कायदे पर अभी भी सब मुयाना करने में मशगूल है सबको अपनी पड़ी है जो आने वालो दिनों में भयानक साबित हो सकती है।  धार्मिक-सामाजिक-पारिवारिक, हर स्तर पर बंधा है हर कोई  गणतंत्रता एक जज्बा है, जो हर दिल में सुलगता है यह वो अनबुझी प्यास है  जिससे हर कोई झुलसता है।  जय हिन्द जय भारत जय छत्तीसगढ़ 

बर्फीले मौसम

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बर्फीले मौसम  ठण्ड की चादर ओढ़े ऐसे बैठे है कब्रिस्तान लायक प्लेटफॉर्म में (ट्रेन लेट है)  जैसे की कब्र का रखवाला दौरा कर जाता।  वैसे भी ऐरे-गैरे लोगों के लिए प्रतीक्षायल खोला  नहीं जाता।   सुबह सुबह स्वयं  से ली गयी तस्वीर