चिंतन चिंतामयी Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps December 14, 2016 चिंतन चिंतामयी चुप भी रहा और बात कही भी जैसे कि मैं हूँ भी और नहीं भी Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
April 20, 2017 किसी के घर न जाऊं गर तो माँ रूठ जाती हैं.. गावों में अब भी, वो तहज़ीब बाकी है... Read more
तकाजा ब्लूमकारी December 14, 2016 कुछ नये पुराने अंदाजा आँखों से निकल कर आँसुओं की वापसी कभी नहीं हुई, आंसु चाहे दुःख - सुख के हों या # सर्दी के ! 😱 😱 (-१०) Read more
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